मिसाइल का बंद पड़ जाना चंद्रमा के अंधेरे पक्ष मानवी विरोधभाव गोपनीयता और झूठ दुर्घटनाग्रस्त यान शून्य-बिंदु ऊर्जा (Zero-point energy) अदिष्ट लहरें कोई खतरा नहीं है डॉ ग्रीयर CE5 उपक्रम के जन्मदाता माने जाते हैं और CSETI (The Centre for the Study of Extraterestrial Intelligence) के संस्थापक हैं। उनका ध्येय लोगों को सैन्य-सरकार-कॉर्पोरेट-मीडिया द्वारा गोपनीयता और दुष्प्रचार के बारे में […]
डॉ ग्रीयर CE5 उपक्रम के जन्मदाता माने जाते हैं और CSETI (The Centre for the Study of Extraterestrial Intelligence) के संस्थापक हैं।
उनका ध्येय लोगों को सैन्य-सरकार-कॉर्पोरेट-मीडिया द्वारा गोपनीयता और दुष्प्रचार के बारे में सूचना देना है।
उनकी दूरदृष्टि है की लाखों लोग सितारों की छाँव में पारलौकिक सभ्यताओं के साथ शांतिप्रिय संपर्क स्थापित करें, जिससे उन विरोधाभासी गुप्त सैन्य अभियानों को दरकिनार किया जा सके, जो ग्रहों के बीच युद्ध को उत्तेजित कर सकते हैं। यह हम पर निर्भर करता है की हम डर और सच्चाई के चक्रव्यूह से परे देखें; मीडिया और अन्य सूत्रों द्वारा दी गयी जानकारी, जैसे की ‘एलियन खतरा’ और ‘हमारे साम्राज्य पर हमला’, के बारे में समझें। ब्रेनवॉश शुरू हो गया है और और यह हमारे ऊपर है कि हम इस मुद्दे को शांतिप्रिय हाथों में लें।
डॉ स्टीवन ग्रीयर अमेरिका के पूर्वी तट पर उत्तरी कैरोलिना में बड़े हुए। उनका प्रारंभिक पारिवारिक जीवन बहुत खराब था – शराबी माता-पिता और घर की प्रतिकूल परिस्थितियों ने उनका बचपन को बेहद कठिन बना दिया था।
१९६५ में पड़ोस के अन्य बच्चों के साथ खेलते समय कुछ ऐसा हुआ जिसने अंतरिक्ष से संबंधित चीजों में रुचि जागृत की – और उन्होंने इसका वर्णन अपनी पुस्तक “हिडन ट्रूथ – फॉरबिडन नॉलेज” में किया है।
“हम ठेठ दक्षिणी बच्चे थे, सभी तरह के रोमांच की तलाश में भटक रहे थे – कुछ बनाने, या देखने या घर ले जाने के लिए। जो अचानक दक्षिण-पश्चिम आकाश में दिखायी दिया, उसकी हमें कोई अपेक्षा नहीं थी – एक चांदी के रंग सा, अंडाकार, चमचमाता हुआ यान – जो की कोई हवाई जहाज या हेलीकॉप्टर नहीं था। कुछ समय तक मंडराने के बाद, वह तुरंत अदृश्य हो गया।”
उनके परिवार ने इस घटना का बच्चों की मनघडंत कहानियों के रूप में अवहेलना किया, लेकिन बच्चों को पता था कि उन्होंने देखा वह निश्चित रूप से असाधारण ही था।
डॉ ग्रीयर के ETV के अनुभवों में से यह पहला अनुभव था. NSA (National Security Agency) के सन्दर्भ में ETV का अर्थ है परलौकिक यान (Extra Terrestrial Vehicles), आमतौर पर जिसे UFO (Unidentified Flying Object) कहतें हैं। अगले कुछ सप्ताहों तक, डॉ ग्रीयर को विशद स्वप्न (Lucid Dreams) कुछ ऐसे अनुभव हुये, जिसमे वे ऐसे जीवों से मिलते थे जो पृथ्वी से नहीं थे। उनका मानना है की वे पारलौकिक जीव उन्हें एक जागरूकता और स्वीकृति देने की कोशिश क्र रहे थे, जो वे अभी नहीं देख सकते थे। उन्हें यकीन है कि बहुत युवा होने के कारण वे इसे अच्छी तरह से स्वीकार कर पाये और उनके मासूमियत के चलते बिना किसी पूर्वाग्रह के अनुभव कर पाये। वास्तव में, उनका कहना है कि यह “जीवन परिवर्तन करने योग्य” था और सत्य के लिए एक बड़ी खोज का जन्म था जो समझदार होने पर मजबूत होता गया।
डॉ ग्रीयर का पालन पोषण नास्तिक माता-पिता द्वारा हुआ था, इसके बावजूद, उन्होंने स्वयं ही ध्यान-समाधि का अध्ययन करना शुरू कर दिया। हालांकि १९७३ में कुछ ऐसा हुआ, जिससे उनकी ज़िंदगी हमेशा के लिए बदल गयी।
डॉ ग्रीयर का पैर एक २०० मील की बाइक सवारी से ठीक पहले ही घायल हो गए थे। उनकी उम्र कम थी, (बिना पैसे और बीमा के) ही वे इस यात्रा पर निकल पड़े। उन्होंने अपने पैर के घाव को नज़रअंदाज़ किया और यात्रा पूरी होने पर ये घाव संक्रमित हो गया। आज, क्योकि वे स्वयं एक आपातकालीन चिकित्सक के रूप में जानते हैं कि क्या हुआ था; घाव सेप्टिक हो गया था, रक्तप्रवाह संक्रमित हो गया था और पूरे शरीर में फ़ैल रहा था, जिसके कारण उन्हें बहुत तेज़ बुखार हो गया था। उनकी आयु केवल १७ वर्ष की थी और फोन नहीं था, उन्होंने खुद ही “बिना स्थिति की गंभीरता को जाने” घाव का इलाज करने की कोशिश की। वे इस लगभग मृत्यु के अनुभव का वर्णन कुछ ऐसे करते हैं:
“मेरे जीवन को बदल कर रख दिया, मुझे जो कुछ भी सिखाया गया था उसे बदल दिया – कि शरीर की मृत्यु के बाद कोई दिव्य अस्तित्व या सचेत अस्तित्व नहीं था। मैं अब अपने प्रत्यक्ष अनुभव से जानता हूं कि यह सब झूठ है। भगवन है, और उनके दूत भी। मेरे लिये अब पहले जैसे कुछ नहीं रहेगा। मैंने सीखा कि मृत्यु से भय की आवश्यकता नहीं, वास्तव में, मृत्यु नहीं होती – केवल एक अवस्था से दूसरे अवस्था में परिवर्तन होता है ।”
और मृत्यु के अनुभव से अपने शरीर में लौटने के बाद, डॉ ग्रीयर का वर्णन है कि कैसे:
”अतुल्य आनंद की यह स्थिति, उच्चतर चेतना की एक दुर्लभ स्थिति जहां ब्रह्मांडीय जागरूकता की असीम गुणवत्ता थी, अभी भी मेरे अंदर जागृत थी। एक कमरे में संलग्न, मैं एक ही समय में असीम रूप से जागरूक हो सकता था। रहस्यवादी इस लौकिक चेतना को कहते हैं – एक ऐसी स्थिति जिसे मैंने कुछ समय बाद अनुभव करना जारी रखा।”
मृत्यु को इतने निकटता से अनुभव करने से जिस उच्च चेतना का अनुभव उन्होंने किया, उसे दोबारा अनुभव करने की उनकी इच्छा को जागृत किया; और डॉ ग्रीयर ध्यान-समाधि सीखने की राह पर चल पड़े। कुछ समय पश्चात, जब वे कॉलेज में पढ़ते थे, डॉ ग्रीयर पास ही के एक पर्वत शिखर पर ध्यान करने के लिए गये थे और सूर्यास्त के समय उन्होंने जीवन में दूसरी बार पारलौकिक यान (ETV) देखा – और इस बार, उन्होंने उसमे बैठे पारलौकिक जीवों को भी देखा।
इस नज़ारे की अधिक जानकारी तो उनकी लिखी कित्ताब में है, पर डॉ ग्रीयर इसके बारे में कहते हैं:
“मुझे यह साफ़ समझ आ गया था की पारलौकिक जीव चाहते हैं की मानवजाति परस्पर रूप से सुनिश्चित विनाश की ओर न जाकर, एक शांतिप्रिय सभ्यता की ओर बढ़े जो सद्भावना से अंतरिक्ष में साथ मिलकर रह सकें। पृथ्वी को ऐसे लोगों की जरूरत थी जो इस उद्देश्य के लिये उसके दूत बन सकें; और फिर, मैंने यह करने का प्रस्ताव रखा। और हमारे साथी मनुष्यों को भी यही सिखाने में मदद करूँगा। ज़्यादा कुछ नहीं, बीएस इतना ही।”
इस सामने के दौरान मनुष्यजाति के लिए परलौकिक लोगों से संपर्क करने के प्रोटोकॉल संयुक्त रूप से विकसित किया गये थे, और आज ये ही तकनीक सम्पूर्ण विश्व में CSETI (Center for the Study of Extraterrestrial Intelligence) के CE-5 के दूतों द्वारा ब्रह्मांड संपर्क टीम से प्रयोग में लायी जाती है।
कुछ वर्षों के पश्चात, डॉ ग्रीयर ने अपनी मेडिकल डिग्री हासिल की, उन्होंने शादी की, परिवार की शुरुवात की और उन्होंने मेडिकल डॉक्टर के रूप में करियर बनाया।
उपरोक्त घटनाओं ने डॉ ग्रीयर को CSETI, The Center for the Study of Extraterrestrial Intelligence, The Disclosure Project, The Orion Project, and Sirius Technology Advanced Research के स्थापना करने का मार्ग दिखाया।
डॉ ग्रीयर अल्फा ओमेगा अल्फा के आजीवन सदस्य हैं, जो देश की सर्वोच्च प्रतिष्ठित medical society है, और अब उन्होंने अपनी योजनाओं पर काम करने के लिये आपातकालीन चिकित्सक के काम से सेवा-निवृत्ति ले ली है।
आज डॉ ग्रीयर को प्रकटीकरण आंदोलन (disclosure movement) का जनक माना जाता है। उन्होंने मई २००१ में अभूतपूर्व नेशनल प्रेस क्लब इवेंट की अध्यक्षता की जहाँ करीब २० सैन्य, सरकारी, और कॉर्पोरेट साक्षियों ने परलौकिक जीवों के पृथ्वी ग्रह पर भेंट देने की और इन यानों की ऊर्जा और संचालन प्रणाली की अभियांत्रीकरण (reverse engineering) की गवाही पेश की। इस प्रेस कांफ्रेंस के वेबकास्ट को और तत्पश्चात BBC, CNN, CNN Worldwide, वौइस् ऑफ़ अमेरिका, प्रावडा, चाइनीज़ मीडिया और लैटिन अमेरिका के मीडिया द्वारा एक अरब से भी अधिक लोगो ने सुना। वेबकास्ट शुरू होने से पहले ही २५०,००० लोग इसके प्रसार के इंतज़ार में ऑनलाइन थे – जो नेशनल प्रेस क्लब के इतिहास में उस समय का सबसे बड़ा वेबकास्ट था।
उन्हें हमारी कार्बन-आधारित सभ्यता को अभिनव विज्ञान और टेक्नोलॉजी के माध्यम से दीर्घकालिक स्थायी सभ्यता में बदलने की रणनीतिक प्रक्रिया पर काम करने वाले दुनिया के अग्रणी अधिकारियों में से एक माना जाता है।
वे UFO/ET विषय पर ४ प्रायौगिक किताबें और कईं DVD के रचयिता हैं। वे दुनिया भर के समूहों को परलौकिक सभ्यताओं के साथ शांतिपूर्ण संपर्क बनाना सिखाते हैं और वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को जनता तक पहुंचाने के लिये शोध जारी रखे हुए है। उन्होंने विस्तार से संस्कृत वेदों का अध्ययन किया है और ३० वर्षों से उच्चतर चेतना में ध्यान-साधना सिखा रहे हैं।
डॉ ग्रीयर को विश्व भर में CBS, BBC, डिस्कवरी चैनल, हिस्ट्री चैनल, थे एन्सिएंट एलियंस सीरीज़। थ्राइव और कईं माध्यम से लाखों लोगों ने देख और सुना है। “अनअकनॉलेज्ड” (Unacknowledged) नाम की उनकी documentary नेटफ्लिक्स पर कईं महीनों तक नंबर १ पर रही।
डॉ ग्रीयर का सन्देश है की पृथ्वी पर एक स्थायी, शांतिपूर्ण सभ्यता के लिए आशा है, जो उच्च तकनीक होने के साथ ही प्रकृति और ब्रह्मांड से सद्भाव में है।